हे दयामय हम सबों को शुद्धताई दीजिये ।-2
दूर करके हर बुराई को भलाई दीजिये ॥-2
कीजिये हम पर कृपा ऐसी अहो परमात्मा ।
हों सभासद इस सभा के सब के सब धर्मात्मा ॥ १ ॥
हे दयामय हम.....
हो उजाला सब के मन में ज्ञान के प्रकाश से ।
और अन्धेरा दूर सारा हो अविद्या नाश से ॥ २ ॥
हे दयामय हम.....
खोटे कर्मों से बचें और तेरे गुण गावें सभी ।
छूट जावें दु:ख सारे सुख सदा पावें सभी ॥ ३ ॥
हे दयामय हम.....
सारी विद्याओं को सीखें ज्ञान से भरपूर हों ।
श्रेष्ठ कर्मों में हों तत्पर दुष्ट गुण सब दूर हों ॥ ४ ॥
हे दयामय हम.....
यज्ञ हवन से हो सुगन्धित अपना भारतवर्ष देश ।
वायु जल सुखदायी होवें जायें मिट सारे क्लेश ॥ ५ ॥
हे दयामय हम.....
वेद के प्रचार में होवें सभी पुरुषार्थी ।
होवे आपस में प्रीति और बनें परमार्थी ॥ ६ ॥
हे दयामय हम.....
लोभी कामी और क्रोधी कोई भी हम में न हो ।
सर्व व्यसनों से बचें और छोड़ देवें मोह को ॥ ७