एक तिनके के जैसा बिखर जाएगा
पाप करते हो जिस ज़िंदगी के लिए
शाम होते ही सूरज,
भी ढल जाएगा,
ऐसा नियम बना है,
सभीं के लिए,
एक तिनके के जैंसा,
बिखर जाएगा।।
आदमी तुम भी हो
आदमी मैं भी हूँ,
यूँ तो हर आदमी,
आदमी हैं मगर,
आदमी आदमी पर वो,
किस काम का,
आदमी जो ना हो,
आदमी के लिए,
एक तिनके के जैंसा,
बिखर जाएगा।।
इतने दिन में तू,
इस मन को धो न सका,
अपने परमात्मा का,
तू हो न सका,
भक्ति का ले लो साबुन,
गुरु से अभी,
मन में फैली हुई,
गन्दगी के लिए,
एक तिनके के जैंसा,
बिखर जाएगा।।
क्या वो लोग थे.
कैसे वो लोग थे,
जिंदगी बख्श दी,
ज़िन्दगी के लिए,
एक तुम भी तो हो,
एक मैं भी तो हूँ,
बंदगी बख्श दी,
ज़िन्दगी के लिए,
एक तिनके के जैंसा,
बिखर जाएगा।।
एक तिनके के जैसा,
बिखर जाएगा,
पाप करते हो जिस,
जिंदगी के लिए,
शाम होते ही सूरज,
भी ढल जाएगा,
ऐसा नियम बना है,
सभी के लिए,
एक तिनके के जैंसा.