लौट आए सिया राम अवध में (दिवाली)
लौट आये सियाराम अवध में ,लौट आये सियाराम।
जगमग जगमग कर रहा है ,आज अयोध्या धाम।।
लौट आये.....
कनक भवन में चमक रहे हैं ,हीरे पन्ने मोती।
अवधपुरी में राम नाम की ,जग रही घर घर जोती।।
स्वागत को सब ने हैं सजाये ,अपने अपने टाम।
लौट आये.....
चौदह बरस के बाद अवध में ,लौट खुशी फिर आयी।
द्वार द्वार पै दीपमाल अरु घर घर बजी बधाई।।
हर मन को आनंद मिला है ,मिले नैना अभिराम।
लौट आये.....
बजी दुन्दभी शंख नगारे ,बजे ढोल शहनाई।
झूम-झूम अरु नाच नाचकर ,गावे गीत खुदाई।।
मधुर मिलन की मंगल-बेला ,मिले भरत अरु राम।
लौट आये.....
गुरुजन परिजन ,पुरूजन गण गण ,खुश हैं मात-माताएं।
देव गगन सों सियाराम पर ,रंगरस फूल बरसायें।।
गूँज रहे जयकार ‘‘मधुप’’ हरि ,जय जय सियाराम।
लौट आये.....