वन को चले दोनों भाई अवध से

वन को चले दोनों भाई अवध से,
अरे वाको को रोको री कोई.
आगे आगे राम चलत हैं पीछे लक्ष्मण भाई
पीछे चलत है जानकी मैया शोभा वर्ण न जाए
अरे वाको को रोको री कोई, वन को चले दोनों भाई...

राम बिना मेरी सूनी अयोध्या लक्ष्मण बिना ठाकुराई
सीता बिना मेरी सूनी रसोई कौन करे चतुराई
अरे वाको नी कोई, वन को चले दोनों भाई...

सावन बरसे भादवो गरजे पवन चले पुरवाईI  
कौन बिरख  नीचे भिजत होंगे,  राम लखन दोनों भाई  
अरे वाके रोको नी कोई, वन को चले दोनों भाई...

रावण मार राम घर आए घर-घर बटत बधाईI
माता कौशल्या आरती शोभा वर्णन आ जाए
अरी बाको रोको नी कोई,  वन को चले दोनों भाई

श्रेणी
download bhajan lyrics (1186 downloads)