इन आँखों में सूरत है तेरी ,
मन मंदिर में मूरत है तेरी।
होंठों पे नाम है तेरा ,
साँसों में तू है बसा ,
सुन अविनाशी ,सुन कैलाशी ,
सुन गौरी के भोले पिया।
इन आँखों में.....
त्रिनेत्र धारी तू है ,तू नीलकंठ कहलाये ,
पहने सर्प की माला और अंग बभूती लगाये,
पीके भंग प्याले,वर दे डाले ,
ओ गौरी के भोले पिया -2
इन आँखों में.....
तू है सब का दाता,तू है सबका पालनहारा ,
तेरी दया का भगवन ना था ,ना है कोई किनारा ,
धूप कहीं छाया सब तेरी है माया ,
ओ गौरी के भोले पिया -2
इन आँखों में.....
होंठों पे नाम है तेरा ,
साँसों में तू है बसा ,
सुन अविनाशी ,सुन कैलाशी ,
सुन गौरी के भोले पिया।
हर हर महादेव