तने छोडू नही भोले नाथ मेरी सब सखिया मने चिडावे से
भोटे की बहु बतावे से
तने राख रमा ली काया में दिए बाँध घुंगरू पाया में
तेरी आँख नशे में लाल घनी मने भोले नाथ बतावे से
भोटे की बहु बतावे से .......
मसेड मर्द मेरे घर पड़ गया भंग घोट घोट मेरा रंग चड गया
तू करके चलक क्यों करता रोला जब देखो भंग घुटावे से
भोटे की बहु बतावे से
गोरा बोलती न बात क्यों जिद पे अड़ी क्यों पीहर न जईये क्यों रुसी पड़ी
तू ले सखियों की और मेरी मैं सो सो फुट बतावे से
मने छोड़ बता कीथ जावे से