नाच रहे हनुमान छमा छम
नाच रहे, हनुमान, छमा छम , नाच रहे हनुमान ll
हाथो में, खड़ताल विराजे , सीने में सिया राम ,
नाच रहे, हनुमान, छमा छम...........
राम नाम की, धुन पे नाचे, "राम नाम मतवाला l
पाव में घुंघरू, छम छम बोले, "जपे राम की माला ll
रोम रोम में, राम समाए*, धरे राम का ध्यान ,
नाच रहे, हनुमान, छमा छम............
बाल बुद्धि, विद्या के दाता, "शंकर के अवतारी l
राम चरण की, सेवा इनको,"अपनी जान से प्यारी ll
ऐसा सेवक, हुआ ना होगा , ढूँढा सकल जहान ,
नाच रहे, हनुमान, छमा छम............
रंग सिंधूरी, प्यारा लागे, "शीश मुकुट है निराला " l
जब जब संकट, आया इस ने, धरा रूप विक्राला ll
लाल लंगोटा, हाथ में सोटा, इतनी है पहचान ,
नाच रहे, हनुमान, छमा छम.............
अपने भक्तों, की हनुमत ने, "बात कभी ना टाली" l
जिन पे इनकी, दया हो जावे, "उसकी रोज दीवाली" ll
नाम जपे जो, इनका नरसी, मिटे कष्ट तमाम ,
नाच रहे, हनुमान, छमा छम............।
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल