युगल सरकार हैं सिर पर,तसल्ली दिल में
रहती है
किसी की नाव पानी में,मेरी रेत्ती में चलती
है
युगल सरकार...
1.सदासे पल रहा हुं मैं,उन्हीं की छत्र छाया
में
मुसिबत की घड़ी उनकी,कृपा से युंहीं
चलती है
किसी की नाव पानी में,मेरी रेत्ती में चलती
है
युगल....
2.दिया करता हुं जब-जब छैड़,मैं इस दिल के
तारों को
सदा राधे श्याम सुंदर की,मधुर धुवनीं ही
निकलती है
किसी की नाव पानी में,मेरी रेत्ती में चलती
है युगल....
3.नाम रस बिन्दूं में डुबा,रहुं दिन रात अब
युहीं
मिली है ऐसी दोलत जो,बड़ी मुश्किल से
मिलती है
किसी की नाव पानी में,मेरी रेत्ती में चलती
है
युगल....
4.गले से श्याम सुंदर जी,मुझे निश्चित
लगायेंगें
ह्रदय में दास के आशा,यही दिन रात पलती
है
किसी की नाव पानी में, मेरी रेत्ती में चलती
है
युगल सरकार हैं सिर पर,तसल्ली दिल में
रहती है
किसी की नाव पानी में,मेरी रेत्ती में चलती
है