आज शिव भवनां में बाजे बधईया गोदी में गणेश लिए बैठी गौरी मैया
तर्ज़ : मेरे अंगनां में तुम्हारा क्या काम है।
आज शिव भवनां में बाजे बधय्या ।
गोदी में गणेश लिए, बैठी गौरी मय्या ।।
लम्बोदर एकदन्त चार भुजा धारी ।
नाटा मोटा गणराजा, मूसे की सवारी ।।
हथों में पाश फूल अंकुश धरय्या - आज०
काले भूरे नयनन के बीच सोहे चन्दा ।
सोहे सिन्दूर मुकुट माल बाजूबन्दा ।।
श्वेत तन मन पै पीताम्बर औड़य्या आज०
देवों में अग्र पूज्य, सन्त करें सेवा ।
लडुअन का भोग लगे, जम्बूफल मेवा ।।
आज ०
आरती उतारे शम्भु, डमरु बजय्या रत्न सिहांसन पै गणपत बिराजै ।
मंगल भवन में मंगल धुन बाजे ।। -
नाचे 'मधुप' मन था था थय्या - आज०