जय गौरी नंदन कल्याणकारी
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जय गौरी नंदन, कल्याणकारी, भक्त जनों के, सदा हितकारी ll
*शँकर के तुम, आँख के तारे, पार्वती है, माता तिहारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जय गणपति, जय गणराजू, मंगल कर, सदा शुभकारी l
*जय गज़ बदन, बुद्धि विधाता, सिद्धि बिनायक, है सुखकारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
स्वर्ण मुकुट है, नयन विशाला, माला सजे है, गले में तिहारी l
*तन पितांबर, साज रहियो है, तीनों ही लोकों में, जय जय तिहारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जय एक दन्ता, जय भगवन्ता, रिद्धि सिद्धि के, आप दातारी l
*वक्रतुण्ड तेरो, शुचि सुहावन, भाल तिलक, बड़ो मन भारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
गज़ रूप तेरो, बड़ो सुहाए, गौरी नंद चार, भुजा के धारी l
*मोदक भोग, सुहाए तो को, छोटो सो मूसो, तेरी सवारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बल बुद्धि, विद्या के तुम दाता, भक्तों की विगड़ी, बात सँवारी l
*बुद्धि का तुमरी, तोड़ न कोई, तीनों ही लोकों में, जय जय तिहारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जय विघन हर्ता, मंगल कर्ता, गौरजां माँ के, लाल दातारी l
*नंदी भृंगी तेरी, आरती गाएँ, सारे कैलाश पे, जय जय तिहारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पुस्तक पानी, कुठार त्रिशूलम, मोदक भोग, तुम्हें सुखकारी l
*पान चढ़त है, फूल चढ़त है, मेवा और, मिश्ठान की थारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शँकर सुवन, भवानी नंदन, गौरी ललन जय, जय हो तिहारी l
*रिद्धि सिद्धि तोहे, चवर ढुलावें, अति शुचि, पावन मंगलकारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बुद्धि मता की, कथा सुनाऊँ, कथा सुनाऊँ, बड़ी सुखकारी l
*ध्यान लगा के, सुनना भक्तो, विगड़ी बात, बनेगी तुम्हारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कार्तिक बड़े हैं, गणेश हैं छोटे, दोनों भाइयों में, प्रेम था भारी l
*पर होनी कोई, टाल न पाया, एक दिन प्रशन, उठा यह भारी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
एक विवाद, कैलाश छिड़ा था, छिड़ा विवाद, बड़ा था भारी l
*कार्तिक गणेश में, कौन बड़ा है, बुद्धि मता में, कौन आगाड़ी l
जय गौरी नंदन, कल्याणकारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तीभोपाल