गजबदन गजबदन गजबदन

गजबदन गज़बदन गजबदन ll2ll

1 तुम हो संकट हरण नाथ असरन सरन l
  सारा त्रिभुवन तुम्हे कर रहा है नमन l
शिव दुलारे हो......गौरी के प्यारे सुवन..
गजबदन ~गजबदन ~गजबदन

2 गरवा उस सिंदूरा सुरु की किये हो दलन l
   ब्रम्हा की  पुत्री  सिद्धि किये हो  वरण l
तब उसी दिन से..... सिंदूर किये हो प्रहन
गजबदन ~गजबदन ~गजबदन

3 एक दिन कर्क सब मिलके किये देवगण l
 कोन होगा प्रथम पूज्य किजे चयन l
जो प्रथम आयेगा....  विश्व करके भृमण..
गजबदन ~गजबदन ~गजबदन

4.मान बुद्धि के दाता तुम्हे देवगन
उचे आसन दिये लिये श्रद्धा सुमन
कर अजय पे.....कृपाहे कृपा के सदन
गजबदन ~गजबदन ~गजबदन








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