( सदा भवानी दाहिने, सन्मुख रहे गणेश ।
पाँच देव रक्षा करें, ब्रह्मा विष्णु महेश ॥ )
गौरी के, पुत्र गणेश जी,
मेरे घर में पधारो ॥
घर में पधारो, कीर्तन में पधारो ॥
काटो, सकल कलेश जी,
मेरे घर में पधारो ।
गौरी के, पुत्र गणेश जी...
एकदन्त दयावन्त, चार भुजा धारी ।
चार भुजा धारी बाबा, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूस की सवारी ।
मूस की सवारी बाबा, मूस की सवारी ।
हे ! सर्व सिद्धि, सर्वेश जी,
मेरे घर में पधारो...
गोरी के, पुत्र गणेश जी...
मोदक प्रिय मुद, मंगल दाता ।
मंगल दाता बाबा, मंगल दाता ।
विद्या वारिधि, बुद्धि विधाता ।
बुद्धि विधाता बाबा, बुद्धि विधाता ।
हे ! गणपति, पुत्र उमेश जी,
मेरे घर में पधारो...
गोरी के, पुत्र गणेश जी...
शंकर सुवन, भवानी के नंदन ।
भवानी के नंदन बाबा भवानी के नंदन ।
चरण कमल पे, शत शत वंदन ।
शत शत वंदन बाबा, शत शत वंदन ।
मेरे, हृदय, करो प्रवेश जी,
मेरे घर में पधारो...
गोरी के, पुत्र गणेश जी...
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल