बृज के रसिया, मेरे मन बसिया
आओ, आओ जी, भोग, लगायो रसिया ॥
छबरी के बेर, सुदामा के तंदुल ।
रूचि रूचि, भोग, लगाओ रसिया,
आओ, आओ जी, भोग, लगायो रसिया...
बृज के रसिया, मेरे मन...
दुर्योधन के, मेवे त्यागे ।
साग, विदुर घर, खाओ रसिया,
आओ, आओ जी, भोग, लगायो रसिया...
बृज के रसिया, मेरे मन...
द्रोपदी, सख़ी की जैसे, विपदा टारी ।
भण्डारा, मेरा भी, भर जाओ रसिया,
आओ, आओ जी, भोग, लगायो रसिया...
बृज के रसिया, मेरे मन...
ऐसा, भोग, लगाओ मेरे प्रभु जी ।
सब, अमृत, कर जाओ रसिया,
आओ, आओ जी, भोग, लगायो रसिया...
बृज के रसिया, मेरे मन...
चाँदी की, छार में, गंगा का जल ।
रूचि रूचि, आचमन जी, करो रसिया,
आओ, आओ जी, भोग, लगायो रसिया...
बृज के रसिया, मेरे मन...
चूना, कत्था, और इलाइची ।
रूचि रूचि, पान, चबाओ रसिया,
आओ, आओ जी, भोग, लगायो रसिया...
बृज के रसिया, मेरे मन...
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल