तेरी मेहर की नजर हो गई दीवानी पे,
तू फिर रोया था सुन कर मेरी कहानी पे,
तेरी मेहर की नजर हो गई दीवानी पे,
वो गैर निकले जिनको मैंने समजा था अपना,
हसी आती है मुझे खुद के इस नादानी पे,
तेरी मेहर की नजर हो गई दीवानी पे,
ना जाने कौन सा वो पल था तुम मिले मुझको,
रेहमते बरसी तेरी मेरी ज़िंदगानी पे,
तेरी मेहर की नजर हो गई दीवानी पे,
तूने अनमोल बनाया है श्याम को छू कर,
मैं वारि जाऊ प्रभु तेरी मेहरबानी पे.
तेरी मेहर की नजर हो गई दीवानी पे,