( गणेश वंदना )
हो जिनकी प्रथम पूजा भगवान वो न्यारे हैं
गौरा के दुलारे हैं महादेव के प्यारे हैं
(1)
मजबूर है दुखियारे सब दर्द के मारे है
जो दुख में भी आते हैं देवा तेरे द्वारे हैं
(2)
महसूस ये किया है दिल ने हमारे अक्सर
देवा की आरती में सब देव पधारे हैं
(3)
कैलाश पे भी देवा काशी में भी है देवा
जिस ओर भी देखोगे देवा के नज़ारे हैं
(4)
मशहूर है दुनिया में देवा की दयावानी
वह दीनों के बंधु है दुखियों के सहारे है
(5)
जो नैया को छोड़ेंगे देवा के भरोसे पर
मझधार में भी घिरकर लगते वो किनारे हैं
(6)
होता है विसर्जन जब सागर में गजानन का
सब मिलके लगाते हैं देवा के जैकारे हैं
(7)
कोढ़ी को दी है काया निर्धन को दी है माया
बाॅझो के भाग्य बिगड़े देवा ने सवांरे हैं
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लेखक : सोनू दास