(तर्ज़ :- इस बजरंगी के प्यार में)
तेरे आये री भगत दरबार मै
माँ मनसा भवन के पट खोलिये....
1) शक्तिपीठ दरबार निराला
बन्द किस्मत का खोलदे ताला
खड़े लाड़ले री लम्बी कतार मै...
2) छठे महीने मेला भरै माँ
छठ सातम नै धोक लागै माँ
तेरी धूम मची संसार मै....
3) भगत देख रहे बाट तुम्हारी
कद दिखै माँ मनसा प्यारी
सारे खड़े तेरे इंतज़ार मै....
4) प्रिंस जैन कै लगन तेरी लगी
शुभम रिठालिया के मन तू भागी
दोनों लगे तेरे प्रचार मै....