सुनले ले ओ मैया मोरी काहे को

(फिल्मी तर्ज़, दुनिया बनाने वाले  क्या तेरे मन में )

सुनले ओ मैया मेरी, काहे को देरी लगाई
आज ओ शेरो वाली माई,
तू तो आजा ओ शेरो वाली माई  ।

तुमको ओढायें मैया लाल चुनरिया,
आजा मां शेरो वाली मेरी नगरिया ।
अपनी दया का मैया तू दान दे दे ,
भक्तों को भक्ति का वरदान दे दे।
पूजा करें मां तेरी, तेरी ही ज्योत जगाई,
आजा ओ शेरो वाली माई ,
तू तो आजा ओ शेरो वाली माई ।
सुनले ओ मैया मेरी, काहे को देरी लगाई
आज ओ शेरो वाली माई,
तू तो आजा ओ शेरो वाली माई  ।

ज्ञान बिना मेरे हुए कर्म सारे,
आई समझ तो तेरे चरण पखारे ।
चरणों की रज अपने माथे पे रखकर,
हमने उम्मीदों से आंगन बुहारे ।
आंगन में आजा मैया, काहे को देरी लगाई
आजा ओ शेरो वाली माई ,
तू तो आजा ओ शेरो वाली माई  ।
सुनले ओ मैया मेरी काहे को देरी लगाई
आजा ओ शेरो वाली माई,
तू तो आजा ओ शेरो वाली माई।।।

लिरिक्स _ प्रदीप गौर
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