जय शैल सुते शम्भु नुते दीपाचन स्वीकारो
आरती वंदन स्वीकारो
कृपा करदो, हमें वह वर दो, जो प्रियवर हमारो
जय शैल सुते...
हे महामाया, तुम्हारी माया, आगम निगम ना जाने
हम गोपीजन गुण से निर्धन, क्या तुमको पहचाने
हम प्रेम विवश, भक्तो की दशा माँ तुम ही तनिक विचारो
जय शैल सुते...
ब्रह्मा विष्णु महेश निरंतर तुम्हरो ध्यान लगावें
शक्ति उपासक शक्ति के याचक शक्ति तुन्ही से पावें
ममता पूरित नैना वाली, अब हमरी और निहारो
जय शैल सुते...