नैया चला रहा है मेरा श्याम खाटू वाला ।
मुझको बचा रहा है मेरा श्याम खाटू वाला।।
1- कब का मैं डूब जाता, तू हाथ ना लगाता ।
तेरी कृपा ना होती तो तैर भी ना पाता, तो तैर भी ना पाता ।।
साहिल पे ला रहा है, मेरा श्याम खाटू वाला
नैया चला रहा है...........
2- कई बार मन में आया सब मैं ही कर रहा हूं ।
सच है तेरे करम से, दिन रात बढ़ रहा हूं, दिन रात बढ़ रहा हूं ।।
मुझको बड़ा रहा है मेरा श्याम खाटू वाला
नैया चल रहा है ..........
3-पतवार थाम करके, जिंदगी मेरी बचाई ।
वरना लिखी थी, विक्की के भाग्य में तबाही ।।
जीवन सजा रहा है, मेरा श्याम खाटू वाला
नैया चल रहा है..........
स्वर- किंशुक लाडला
लेखक - विकास विक्की अग्रवाल कानपुर