श्री हरिदास
तर्ज़ :- आ लोट के आजा मेरे मीत
मेरे बांकें बिहारी लाल, मुझे तेरी याद सताती है
मेरे कुंज बिहारी लाल, सुरत तेरी मन को लुभाती है
मेरे बांके....
देखा तुझे तो मन में बसी है, सुरत तुम्हारी नुरानीं
तेरे बिना अब मुझको तो लागे,सारी ये दुनिया विरानीं
तेरे पिछे पड़ा हूं सब छोड़, मुझे तेरी याद सताती है
मेरे बांके....
तेरे बिना ये जीवन है सुना,डुंडूं तुझे तो दिखै कहीं ना
बृज़ मण्डल की ली मैंनें ठोर,मुझे तेरी याद सताती हैं
मेरे बांकें....
रूप रसका हुं पागल, भरी मन की गागर
धसका नाम में डुबा रहेगा, अब देर ना कर सरकार,
जीवन के दिन दो चार, मुझे तेरी याद सताती है
मेरे बांकें बिहारी लाल,मुझे तेरी याद सताती है
मेरे कुंज बिहारी लाल,सुरत तेरी मन को लुभाती है
मेरे बांकें....
बाबा धसका पागल पानीपत
फोंन:-7206526000