जग की झूठी माया से बेगाने हो गए,
एह श्याम तेरे हम जबसे दीवाने हो गए,
खाव्ब हुए सच सारे गम अफ़साने हो गए,
ऐ श्याम तेरे हम जबसे....
आज मुझे सब पूछ रहे कल तक क्या मेरी हस्ती थी,
ना ये रंग था ना ये यंग था ना तेरे नाम की मस्ती थी,
तूने ही अनमोल बनाई वरना ज़िंदगी सस्ती थी,
दिल जल तेरी जोति के परवाने हो गए,
ऐ श्याम तेरे हम जबसे,.......
जबसे तेरी शरण में आया मैं घर मुश्किल भूल गया,
जबसे तेरा दरबार ये पाया मैं घर महफ़िल भूल गया,
तेरा मिल साथ जो सफर में मैं मेरी मंजिल भूल गया,
तेरे प्यार की मस्ती के मस्ताने हो गए,
ऐ श्याम तेरे हम जबसे........
क्या होता है रोना धोना हम इसे अनजान हुए,
क्या दौलत क्या सोना चाँदी बिन पैसे धनवान हुए,
ना कुछ माँगा न कुछ बोलै फिर पुरे अरमान हुए,
हम भी भक्त तेरे जाने पहचाने हो गए
ऐ श्याम तेरे हम जबसे.......