श्री मदन मोहन गोपाल काट महाजाल गोवर्धनधारी,
हम आए शरण तिहारी....
तुम नंद गांव के नटखट हो और नंद बाबा के नटवर हो
आओ मोहन भोग लगाओ धारी, हम आए शरण तिहारी,
श्री मदन मोहन गोपाल काट महाजाल गोवर्धनधारी......
माथे पर मुकुट बिराजत है, कानों में कुंडल साजत है,
ये मुख में सोहे मुरली प्यारी, हम आए शरण तिहारी,
श्री मदन मोहन गोपाल काट महाजाल गोवर्धनधारी......
अंग पीतांबर पहनत है, हाथों में हथफ़ूल साजत है,
ये गल कुंजन मालाधारी, हम आए शरण तिहारी,
श्री मदन मोहन गोपाल काट महाजाल गोवर्धनधारी......
भोजन तैयार कराती हूं और छप्पन भोग बनाती हूं
आओ भोग लगाओ गिरवरधारी, हम आए शरण तिहारी,
श्री मदन मोहन गोपाल काट महाजाल गोवर्धनधारी......