भक्तों ने मिलकर उत्सव मनाया है,
बस कमी आप की श्याम आ जाइये,
लटके फूलो की लढ़ियाँ दरबार में,
महके अंतर की खुशबू दरबार में,
जग मग जग मग ज्योति जली लगती कितनी है भली भली,
बस कमी आप की श्याम आ जाइये,
पलके सबकी बिशि है तेरी राह में,
तरसे प्रेमी तुम्हारे तेरी चाह में,
ढिंक ढिंक ढोलक बोले अमृत रस मुरली तो गोले,
बस कमी आप की श्याम आ जाइये,
रंग भाव भजन का निखरा यहाँ अटके श्याम बिहारी ढूंढे कहा,
वादा याद दिलाते है नंदू क्यों ही तरसाते है,
बस कमी आप की श्याम आ जाइये,