जब तक चलही जाती पाती के छुरा ॥
गा भईया तोर आजादी हवय गा अधूरा ॥
रे भईया तोर आजादी हवय गा अधूरा
रे संगी तोर अजादी हवय गा अधूरा
संग म खावय अऊ सुतावय जेन मनखे ह कुकुर ला ॥
जेन मनीखे हा कुकुर ला संगी
हा उहि मनीखे हा मनखे के संग करत हवे दूर छुर ना ॥
करत हावे दूर छुर रे संगी
कतको पापी पाखंडी हे पूरा...
गा भईया तोर आजादी
हमन तो जनमे हनजी महतारी के गरभ ले
महतारी के गरभ ले रे संगी
छुवा मनईया मनीखे मन गा उतरे हे सीधा सरग ले
का उतरेहे सरग ले रे संगी
सच्चा बात ह लागे वोला बुरा...
गा भईया तोर आजादी
जब तक चलही जाती पाती के छुरा ॥
गा भईया तोर आजादी हवय गा अधूरा ॥