किस-किस को नाच नचाए गई रे माया की चिरैया....-4
एक दिन नारद पे बैठी,
बंदर को मुखड़ा बनाए गई रे माया की चिरैया.....
एक दिना ब्रह्मा पे बैठी,
झूठा कलंक लगाए गई रे माया की चिरैया.....
एक दिना केकई पे बैठी,
राम को बन में पड़ा गई रे माया के चिरैया.....
एक दिना रावण पे बैठी,
लंका को नाश करा गई रे माया की चिरैया.....