नन्द जी रा लाला, मैं तो फेरूँ थारी माला
मुरली प्रेम री बजाई रे नंदलाला
मुरली री आवाज़ म्हें तो पनघट पे सुनी थी
के पानी भरतो छोड़ आई रे नंदलाला
मुरली प्रेम री बजाई रे नंदलाला
मुरली री आवाज़ म्हें तो बागा में सुनी थी
के फूलडा तोड़ती छोड़ आई रे नंदलाला
मुरली प्रेम री बजाई रे नंदलाला
मुरली री आवाज़ म्हें तो रसोड़े पे सुनी थी
के फलका पोवती छोड़ आई रे नंदलाला
मुरली प्रेम री बजाई रे नंदलाला
मुरली री आवाज़ म्हारे मन में समाई
क म्हें तो दौड़ी दौड़ी आई रे नन्दलाला
मुरली प्रेम री बजाई रे नंदलाला