ऐसे वर को क्या वरु मै, जो जन्मे और मर जाय,
वर वरस्यू एक साँवरो, तो म्हारो चुड़लो अमर हो जाय
आज्या मनमोहन मिरां मेड़तनी बुलावे
आज्या मनमोहन मिरां मेड़तनी बुलावे
मिरां बुलावे थाने दासी बुलावे
तुलसी की माला त्यागो सेवा सालगराम की
जप तप नेम व्रत धुन घनश्याम की
भगवा उतारो मिरां राणों समझावे है
बाबोसा मायड म्हाने लाड लडाई
राम जाने राणा संग कय्या परणाई
थारी तो प्रीत राणा दाय कोनी आव रे
पत्थर न काई पूजो इया बोल्या राणा जी
ठाकुर न जिमावो जद सांची प्रीत जाणा जी
झूटी कपटणी कुल के दाग़ लगाव है
दुध को कटोरो भर के ल्याई मिरां बाई
पियो म्हारा भोला ठाकुर भक्त दुहाई
दासी उदासी मिरां आँसू ढलकाव है
मिरां की पुकार सुण के मोटो धणी आयो
दूध को कटोरो भरियो सारो गटकायो
मिरां की प्रतिज्ञा राखे लाज बचावे है
अमर सुहागण भागण राठोड़ा री जाई
पिहरियो सासरियो दोनू त्यारो मिरां बाई
भगत मिरां की ओल्युं माधोसिंह गावे रे