मेरी लाज राखो गोविंद, मेरी लाज राखो गोविंद 
मेरी करूण पुकार सुनो, मेरी लाज राखो गोविंद
1) मैं पांचाली राज सभा में, कोई नहीं मेरा मीत 
जो तू आज नहीं आया तो, होगी इनकी जीत 
मेरी लाज राखो गोविंद..
2) मेरे पांच पति हैं बेठे सभा में सब हैं शीश झुकाये, 
आ जाओ कृष्णा मीत मेरे, सब उम्मीद तुझी से लगाये, 
मेरी लाज राखो गोविंद..
3) दुशासन चिर है खींचे, दुर्योधन हर्षाए, 
आजा कृष्ण मुरारी अब तो, होगी मेरी जग हंसाई 
मेरी लाज राखो गोविंद..
4) चिर बढ़ाया जो तूने, सब देखते रहे गए, 
आंसू मेरे सूख गए, आज सखा ने कर्ज उतार गए 
मेरी लाज राखी गोविंद मेरी लाज राखी गोविंद