जय श्री श्याम
तर्ज : फूलों सा चेहरा तेरा
गोकूल का राजा है वो,
भगतों का भगवान है,
मुरली कि तान से, मन्द मुस्कान पे,
दुनियां ये कुरबान है ॥
चन्दा सा चमके मुखड़ा तुम्हारा,
केसरिया चन्दन लगा भाल है,
आँखों कि चितवन है प्यारी प्यारी,
घुंघराले काले तेरे बाल है
मोर मूकूट वाले पीत वस्त्र धारे,
ऐसा कोई गोकूल मैं ग्वाल नही है,
वीरों में सबसे बली,
अर्जुन सा रथवान है,
मुरली कि तान से, मन्द मुस्कान पे,
दुनिया ये कुरबान है ॥
भगतों के खातिर पनृ तोड़ डाला,
रथ का है पहिया उठाया श्याम ने,
अर्जुन के मन में फैला उजाला,
उपदेश उसको दिया श्याम ने,
शस्त्र उठाना है युद्ध जिताना है,
चरणों का चाकर ये दास लिखेगा,
पारस हो तेरी विजय,
ये मेरा अरमान है,
मुरली कि तान से, मन्द मुस्कान पे,
दुनिया ये कुरबान है ॥
गोकूल का राजा है वो,
भगतों का भगवान है,
मुरली कि तान से, मन्द मुस्कान पे,
दुनियां ये कुरबान है ॥
जय श्री श्याम