दिल का सुनाऊ किसे हाल मेरे सांवरे
सुनता ना कोई भी पुकार मेरे सांवरे
दिल का सुनाऊ किसे...
दर दर मैं भटकी ठोकरें भी खाई
दुनियाँ में मेरा कोई हुआ ना सहाई
दुनियाँ से गई मैं तो हार मेरे सांवरे
दिल का सुनाऊ किसे...
जब से सुना मैंने इक द्वार ऐसा
हार के गया है जो भी हारा ना दोबारा
हार के मैं आयी तेरे द्वार मेरे सांवरे
दिल का सुनाऊ किसे...
खुशी को भी दी तूने खुशियाँ हजार है
कहलाया जग में तू लखदातार है लखदातार है
अमित भी करे ये पुकार मेरे सांवरे
दिल का सुनाऊ किसे...
भजन गायिका :-बावरी खुशी (राजपुरा,पंजाब)
लेखक और संगीतकार :- अमित चुघ (राजपुरा, पंजाब)
9988570091