श्याम प्रेमियों के ऊपर इक नशा अजब सा छा गया

श्याम प्रेमियों के ऊपर इक नशा अजब सा छा गया
फागण का मेला आ गया मेरे श्याम का मेला आ गया,
श्याम प्रेमियों के ऊपर इक नशा अजब सा छा गया

श्याम मिलने की व्याकुलता में छोड़ के अपना सारा काम,
मस्ती में मस्तानो की ये चली टोलिया खाटू धाम,
ऐसा लगता है इन सब को श्याम संदेसा आ गया ,
फागण का मेला आ गया मेरे श्याम का मेला आ गया,

ऐसा है मेरे श्याम का जादू चढ़ के नहीं उत्तर ता है,
कोई पैदल कोई देखो पेट पलिअनिया चलता है,
हर बाबा का प्रेमी देखो श्याम ध्वजा लेहरा गया,
फागण का मेला आ गया मेरे श्याम का मेला आ गया,

धूम मची फागण की मौसम रंग रंगीला आया है,
श्याम प्रभु ने अपने रंग में रंगने खाटू भुलाया है,
प्रेम श्याम का प्रेमियों की नस नस में समा गया,
फागण का मेला आ गया मेरे श्याम का मेला आ गया,

इन्तजार अब ख़त्म हो गया इस फागण के मेले का,
थाना है संजय ने मन में होली खाटू खेलेगा,
चलो बुलावा श्याम धनि का तेरा भी कुंदन आ गया,
फागण का मेला आ गया मेरे श्याम का मेला आ गया,
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