(तर्ज - काल रात ने सपना आओ )
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों
जिन देखकर मारो बाबा मनडो यों भर आयों
पहली पीढ़ी चढ़ाने आया श्याम श्याम है गायो
दूजी पीढ़ी पर मेरा बाबा हाथ पकड़ ले आयो
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों....
तीजी पीढ़ी के पास पहुंचता ही भगता सारा मिलेगा
चौथी पीढ़ी पर मैं सोचूं भाग्य मेरा तो खिलगा
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों....
पांचवीं पीढ़ी थारी बाबा मन मेरे या भागी
छठी पीढ़ी पर मेरो बाबा बनता है सहभागी
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों....
सातवीं पीढ़ी पर मेरे बाबा सात जन्म सफल हो जावे
आठवीं पीढ़ी पर भक्तों मंदिर की घंटी सुन जावे
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों....
नवी पीढ़ी पर ओ मेरे बाबा नौलखा वारे
दसवीं पीढ़ी चढ़ता ही तो काल भी है टारे
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों...
ग्यारवी पीढ़ी पर मेरा बाबा धन भंडारा भर दे
बारवी पीढ़ी पहुंचता ही प्यारो सुख संपत्ति कर दे
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों..
तेरवी पीढ़ी पर जब आख्या बाबा से टकराव है
हंसकर मारो बाबो श्याम लकी ने गले लगाव है
तेरा पीढ़ी ऊपर बाबा सोनो बंगलो बनायों..