श्याम भगतो क्यों थारे हाथ ये खाली रे

श्याम भगतो श्याम भगतो श्याम भगतो,
प्रेमी होकर क्यों चुप बैठा बजा ले थोड़ी ताली रे,
श्याम भगतो क्यों थारे हाथ ये खाली रे,
बिन ताली के कीर्तन सुना फूल बिना हर डाली रे,
श्याम भगतो श्याम भगतो श्याम भगतो,

आलू सिंह जी ने सारे जग में श्याम का डंका भजाया,
दुनिया भर की हर मुश्किल का एक ही हल बतलाया,
कीर्तन में तू रम जा प्यारे और न कोई संभाले रे,
श्याम भगतो श्याम भगतो श्याम भगतो,

जिस कीर्तन में भजे न ताली कैसे आये मुरारी,
प्रेम भाव से पल पे रिजे दौड़े लीले सँवारी ,
इतनी ही है इनकी कहानी पीते प्रेम ये प्याली रे,
श्याम भगतो श्याम भगतो श्याम भगतो,

आज मना लो इनको जम के कसर न रह जाए बाकी,
सारी चिंता छोड़ दो इन पर कहती है ये राखी,
दो आंसू बस चढ़ा के देखो भरे गई झोली खाली रे,
श्याम भगतो श्याम भगतो श्याम भगतो,
download bhajan lyrics (857 downloads)