तर्ज:- चाहे लोग बोलियाँ बोले
आया फागण मेला रे, देखो हर कोई खाटू जावे
आया फागण मेला रे, देखो हर कोई खाटू जावे
बाबा का निशान उठावे, जय जय कार लगावे।
मस्ती माही चले झूमते बाबा के दीवाने,
कोई ठा रहा सर पर सिगड़ी, कोई पगा उघाने
कोई ठुमक ठुमक नाचे, कोई पसर पसर के जावे........
करले तैयारी मतना सोचे, आपा खाटू चाला,
भिवानी से कीर्तन मण्डल संग, बाबा के ध्वजा चढ़ावा,
किरपा बरसे बाबा की , भाया सारा दुखडा मिट जावे….....
घोटू गाले श्याम रिझाले, लगे ना कोई खर्चा,
बाबा का दरबार ही साँचा, तुरंत मिलेगा पर्चा
ग्यारस रात करा कीर्तन , आपा बारस धोक लगावा.......