यु नहीं तुझे दुनिया वाले पालनहारा कहते,
बख्श गुनाह मेरे सांवरिया तुझे बक्शन हारा कहते,
मेरे श्याम मेरे श्याम मेरे श्याम,
लोभी भोगी मैले मन है पापी नीच निमाने,
कौन भला और कौन है मंदा तू सबको पेहचाने,
भव सागर से पार उतारे हाथ पकड़ कर बैठे,
बख्श गुनाह मेरे सांवरिया.......
आते है जो तेरे दर पे वो ही बक्शे जाते,
पाप पुण्य का लेखा सारा लिखा है तेरे खाते,
लाख छिपाये पाप छिपे न तेरी नजर में रहते,
बख्श गुनाह मेरे सांवरिया......
नरसी तारा धना तारा तारा संदन कसाई,
मीरा और सुदामा तारा तारी करमा भाई,
जिस घर की मजबूत नीव हो घर न कभी वो घहटे,
बख्श गुनाह मेरे सांवरिया
शरणागत को तूने भगवान अपनी शरण लगाया,
करके माफ़ गुन्हा सारे है सत मार्ग दिखलाया,
क्यों सरगम फिर दर दर भटके भगवन तेरे रहते,
बख्श गुनाह मेरे सांवरिया