क्यूँ श्याम तेरे होते तकदीर से हारे है,
सब कहते है आओ कभी हारे के सहारे है,
कटपुतली की तरह सबने ही नचाया है,
तेरे होते हुए दुनिया रुलाती है मुझ्को,
मैं बन कर खिलौना यहाँ रह गया हु,
तेरे होते क्या क्या दिखाती है मुझको,
कटपुतली की तरह सबने ही नचाया है
ये एक खिलौना जो चाभी से घुमाया है,
कैसे बतलाये हम अपनों के मारे है,
सब कहते है आओ ....
कैसे कैसे बाबा हालत से गुजरा हु,
है कितने जखम दिल में कैसे दिखाऊ,
बताओ तुम्हे श्याम क्या क्या बताऊ,
हर एक वक़्त की तुम्हे रहती खबर है,
छुपाऊ श्याम तुझसे क्या छुपाऊ,
कैसे कैसे बाबा हालात से गुजरा हु,
कभी जुड़ ना सकूगा मैं इस तरह से बिखरा हु,
रो रो कर हमने तो ये लम्हे गुजरे है,
सब कहते है आओ .........
शर्मा ने देख लिए मतलब के नाते है,
कोई वक़्त पर यहाँ काम ना आये,
सभी को है परखा सभी आजमाए,
गये जिसके दर पर मिली ठोकरे बस,
ज़माने से हारे तेरे दर पी आये,
शर्मा ने देख लिए मतलब के नाते है,
जब वक़्त पड़े बाबा सब आँख दिखाते है,
हर एक यहाँ पर गेर बस आप हमारे है,
सब कहते है आओ .........