सिंह पर होके सवार आजा
तेरे बच्चों ने पुकारा
इक बार आजा
ओढ़ लाल चुनर
माँ होके तैयार आजा
तेरे बच्चों ने पुकारा
इक बार आजा
सिंह पर होके सवार आजा
जो निभाता तुझसे नाता
ममता तेरी सदा वो पाता
खाली हाथ ना वो दर से जाता
जो सच्चे मन से तुझे मनाता
राजीव की मन्नत स्वीकार आजा
ओढ़ लाल चुनर
माँ होके तैयार आजा
तेरे बच्चों ने पुकारा
इक बार आजा
सिंह पर होके सवार आजा
कैसे आऊँ तेरा दूर बसेरा
ऊँचे पर्वत पर माँ तेरा डेरा
राह कर दे सुगम लगा दूँ गेरा
पाऊँ दर्शन तो सुख थाऊँ भतेरा
करती है मुझसे जो प्यार आजा
ओढ़ लाल चुनर
माँ होके तैयार आजा
तेरे बच्चों ने पुकारा
इक बार आजा
सिंह पर होके सवार आजा
जगत जननी सब में तेरी छाया
सब में व्याप्त सब में तेरी माया
तेरी कृपा से उसने सुख पाया
जिस पर रहा तेरे आशीष का साया
मुझे भी देने अपना दुलार आजा
ओढ़ लाल चुनर
माँ होके तैयार आजा
तेरे बच्चों ने पुकारा
इक बार आजा
सिंह पर होके सवार आजा
©राजीव त्यागी