तरज़-सावन के झुलों ने,मुझको बुलाया
गुरुदेव ने पागलों की,लगाई फुलवारी
श्यामा श्याम रसको,पी रही दुनिया सारी
धाम वृन्दावन में,भीड़ बड़ी भारी
श्यामा श्याम रसको,पी रही दुनिया सारी
गुरुदेव ने....
चसका मसका पुरणं दास,कितनें पागल बना दिये
तुलसी सालीग्राम भी,पागल के प्यारे सभी
धाम वृन्दावन में,भीड़ बड़ी भारी
श्यामा श्याम रस को,पी रही दुनिया सारी
गुरुदेव ने पागलों की,लगाई फुलवारी
श्यामा श्याम रसको,पी रही दुनिया सारी
धाम वृन्दावन में,भीड़ बड़ी भारी
श्यामा श्याम रसको,पी रही दुनिया
गुरुदेव ने....
गोपाली पागल जहाँ,पागल बनकर रह रहे
चित्र विचित्र भी बृज़रस का,रस बहुत लुटा रहे
धाम वृन्दावन में,भीड़ बड़ी भारी
श्यामा श्याम रस को,पी रही दुनिया सारी
गुरुदेव ने पागलों की,लगाई फुलवारी
श्यामा श्याम रसको,पी रही दुनिया सारी
धाम वृन्दावन में,भीड़ बड़ी भारी
श्यामा श्याम रसको पी रही दुनिया
गुरुदेव ने....
नाम रसका पागल हुं,नाम रस में बह रहा
धसका इसको पी ले तूं,बार बार मैं कह रहा
धाम वृन्दावन में,भीड़ बड़ी भारी
श्यामा श्याम रसको, पी रही दुनिया सारी
गुरुदेव ने पागलों की,लगाई फुलवारी
श्यामा श्याम रसको,पी रही दुनिया सारी
धाम वृन्दावन में,भीड़ बड़ी भारी
श्यामा श्याम रसको,पी रही दुनिया
गुरुदेव ने....
बाबा धसका पागल पानीपत
संपर्कंसुत्र-7206526000