उड़े उड़े बजरंगबली

संकट मोचन संकट हरते,
यह बलियों के हैं बली ।
उड़े उड़े बजरंगबली, उड़े उड़े बजरंगबली ।

लाँघ के सागर लंका पति के,
लंका नगरी जाएगा कौन ।
है किस हल में सीता मईया,
उनका पता लगाएगा कौन ।
राम की सेना चिंता में डूबी,
मच गई जब खलबली ।
उड़े उड़े बजरंगबली उड़े उड़े...

समझाया हनुमत ने बहुत,
रावण के समझ में ना आई ।
अभिमानी ने कुछ न सोचा,
पूंछ में आग थी लगवाई ।
आग लगी जो पूंछ में सारी,
लंका धू धू करके जली ।
उड़े उड़े बजरंगबली उड़े उड़े...

मूर्छित लक्ष्मण जब हुए प्रभु,
राम हुए व्याकुल परेशान ।
संजीवन आएगी कैसे,
कैसे बचेंगे लखन के प्राण ।
जलवा दिखाया बजरंगी ने,
ऐसी देखो हवा चली ।
उड़े उड़े बजरंगबली उड़े उड़े...
संकट मोचन संकट हरते...

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल

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