भक्त शिरोमणि जय हो हनुमाना,
कोई नहीं तुमसा वीर बलवाना॥
बचपन में सूरज को मुख में दबाया,
सूरज को छोटा सा फल था जाना.
कोई नही तुमसा वीर बलवाना॥
माँ सीता को हर ले गया रावण,
माता सीता को जब हर ले गया रावण,
लाघ जलाभि उनका पता लगाया,
कोई नही तुमसा वीर बलवाना॥
रावण ने पूछ में आग लगवाई,
लका जलाई तुमने जैसे श्मशाना,
कोई नही तुमसा वीर बलवाना॥
भक्ति को देख तुम्हरी प्रभु हर्षाये,
प्रिय भक्त प्रभु ने तुमको माना
कोई नही तुमसा वीर बलवाना,
भक्त शिरोमणि जय हो हनुमाना,
कोई नहीं तुमसा वीर बलवाना॥