जय दादी जी की
तर्ज श्याम बाबा श्याम बाबा तेरे पास आया हूं
सुन मेरी मांँ,सुन दादी मांँनीमचधाम आई हूं
झोली म थारो श्रृंगार लाई हूं_२
सुन मेरी मांँ सुन दादी मांनीमच धाम आई हूं
झोली म थारो श्रृंगार लाई हूं _२
अमर सुहागन दादी थारो
आज सोलह श्रंगार सजाऊं
माथे ऊपर लाल बिंदिया
कुमकुम भरकर मांग सजाऊं
काजल मेरी मांँ_२ नजर उतारन लाई हूं
झोली में थारो श्रंगार लाई हूं
मोती जड़ क जूड़ो बनाऊं
और बोरलो तने पेहराऊं
लाल गुलाब की कली स दादी
जूड़ा न म और सजाऊं
नथ मेरी मांँ_२ हीरा जड़ी गढ़ाई हूं
झोली में थारो श्रंगार लाई हूं_२
काना म मानिक को कुंडल
रतन जड़ित म चीक पहनाऊं
चूड़लो हाथ म रंग-बिरंगो
सतरंगों घाघरो पहनाऊं
चुनर मेरी मांँ_२ हाथां स सजाई हूं
झोली म थारो श्रंगार लाई हूं _२
कमर तागड़ी जे तू पेहरे
सोनूदेख तुझे हर्षाए
पायल तेरी रुनझुन बाजे
कोमल तुझपे वारी जाए
पोली मेरी मांँ_२ घुंघरा वाली लाई हूं
झोली म थारो श्रंगार लाई हूं _२
सुन मेरी मांँ सुन दादी मांँ नीमच धाम आई हूं
झोली म थारो श्रंगार लाई हूं_२!!
(रचना स्मिता शर्मा सोनू आसनसोल)