मेरे दिल की पतंग में माँ

मेरे दिल की पतंग में माँ,की डोर तू लगाईं देना
कहीं और ना उड़ जाये,की झुंझनू उड़ाई देना

ये मईया तेरी हो जाए,डाल दे अपनी डोर जी
और किसी की ना हो जाये,खींच ले अपनी ओर जी
तेरा होगा बड़ा एहसान,की मंदिर तक पहुचाई देना
मेरे दिल की पतंग में माँ,की डोर तू लगाईं देना

अपनी अंगुली से तू डोरी रोज हिलाते रहना जी
तू अपने दरबार से इसको रोज नचाते रहना जी
तुम्हे झुक झुक करे ये प्रणाम,माँ इसको ये सिखाई देना
मेरे दिल की पतंग में माँ,की डोर तू लगाईं देना

रखना अपनी नजर में मईया,इधर उधर मुड़ जाये ना
तेरी चौखट छोड़ किसी से पेंच कहीं लड़ जाये ना
ये दुनिया बड़ी बेईमान,माँ दुनिया से बचाई लेना
मेरे दिल की पतंग में माँ,की डोर तू लगाईं देना

जब तक है जिंदगानी मेरी,पतंग कहीं काट जाये ना
तेरे हाँथ से डोर ना छूटे,ध्यान तेरा हैट जाये ना
इसपे बनवारी लिख दे तेरा नाम,ये किरपा तू बरसाई देना
मेरे दिल की पतंग में माँ,की डोर तू लगाईं देना

मेरे दिल की पतंग में माँ,की डोर तू लगाईं देना
कहीं और ना उड़ जाये,की झुंझनू उड़ाई देना

संपर्क - +919830608619
download bhajan lyrics (1230 downloads)