है महाकाल मै तेरा पुजारी

करता करे ना कर सके, शिव करे सो होय
सात खंड नवद्वीप में ,महाकाल से बड़ा ना कोई

है महाकाल मैं तेरा पुजारी
तेरे रूप पर मैं बलिहारी
मस्तक पे तेरा चाँद सजाना
भस्म चीता की तन पे रमाना
रूप ये तेरा है सुहाना
मैं दीवाना दीवाना दीवाना दीवाना
है महाकाल तेरा दीवाना
मैं दीवाना दीवाना दीवाना दीवाना
तेरे रूप का मैं दीवाना

ओ महाकाल मेरे,रूप के आगे तेरे
हारना मेरे मन को पड़ा है
तेरे श्रृंगार से, क्यों हठे ना नज़र
ये नशा कैसा तेरा छड़ा है
भंग में सज कर मस्ती चढ़ाना
फुल में सज के जग महकाना
सज कर यू सब का दिल चूराना
मैं दीवाना दीवाना दीवाना दीवाना
है महाकाल तेरा दीवाना
मैं दीवाना दीवाना दीवाना दीवाना
तेरे रूप का मैं दीवाना

शिव समान दाता नहीं, विपत निवारण हार
लज्जा मोरी रखियो, शिव नंदी के असवार

मेरे स्वामी सुनो, अंतर्यामी सुनो
मन में रख ली है तस्वीर तेरी
बाबा तेरी झलक, जग में सब से अलग
जोड़ दी तुझ से तक़दीर मेरी
नाग गले विषधर लिपटाना
आसान मृगछाला का बनाना
भक्तों को देख मुस्कुराना
मैं दीवाना दीवाना दीवाना दीवाना
है महाकाल तेरा दीवाना
मैं दीवाना दीवाना दीवाना दीवाना
तेरे रूप का मैं दीवाना

है महाकाल मैं तेरा पुजारी…

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