हरियाली तीज पर राधा रानी और श्री कृष्ण का झूला झूलते हुए एक नया भजन।।
सावन का महीना , घटाएं घनघोर,
झूला झूले राधा , झुलावे नंदकिशोर ,
सावन का महीना , घटाएं घनघोर,
झूला झूले राधा , झुलावे नंदकिशोर ,
गूंज उठी हैं चारों, ओर किलकारी ,
हस रही हैं राधा, हस रहे हैं मुरारी ,
गूंज उठी हैं चारों, ओर किलकारी ,
हस रही हैं राधा, हस रहे हैं मुरारी ,
ऐसा अद्भुत नजारा, ना देखा कहीं ओर ,
झूला झूले राधा , झुलावे नंदकिशोर ,
सावन का महीना , घटाएं घनघोर,
झूला झूले राधा , झुलावे नंदकिशोर ,
खिल उठी हैं चारों , ओर फुलवारी ,
नाच रही हैं राधा, नाच रहे हैं बनवारी ,
खिल उठी हैं चारों , ओर फुलवारी ,
नाच रही हैं राधा, नाच रहे हैं बनवारी ,
नाच रहे हैं संग में, पपिहा और मोर,
झूला झूले राधा , झुलावे नंदकिशोर ,
सावन का महीना , घटाएं घनघोर,
झूला झूले राधा , झुलावे नंदकिशोर ,
सोने और चांदी का , झूला हैं बनाया,
हीरे और मोती से , झूले को सजाया,
सोने और चांदी का , झूला हैं बनाया,
हीरे और मोती से , झूले को सजाया,
नाच रही हैं सखियां , झूले के चारों ओर ,
झूला झूले राधा , झुलावे नंदकिशोर,
सावन का महीना , घटाएं घनघोर,
झूला झूले राधा , झुलावे नंदकिशोर ,
Bhajan Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore