गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ,
हे मुरलीधर माधव नंदलाल चले आओ,
गोविंद चले आओ...
आंखों में बसे हो तुम धड़कन में धड़कते हो,
कुछ ऐसा करो भगवन सांसो में समा जाओ,
गोविंद चले आओ....
एक बार प्रभु आओ चाहे आकर चले जाना,
जाने नहीं देंगे हम जरा जाकर तो दिखलाओ,
गोविंद चले आओ....
तेरे दर्शन को मोहन यह नैन तरसते हैं,
एक पल भी चैन नहीं दिन-रात बरसते हैं,
एक अरज यही तुमसे अब और ना तड़पाओ,
गोविंद चले आओ....
एक शर्त जमाने से इस दिल ने लगाई है,
या मुझको बुला लो तुम या खुद ही चले आओ,
गोविंद चले आओ....
वह कौन घड़ी होगी वह कौन सा फल होगा,
तेरे दर्शन कर मोहन मेरा जीवन सफल होगा,
मुझे दर्शन दे जाओ फिर देकर चले जाना,
गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ,
हे मुरलीधर माधव नंदलाल चले आओ.....