कृष्ण तेरे नाम पे कुर्बान हो रही,
सूरत को तेरी देख परशान हो रही,
सिर पर मुकट मोर का कानों में है कुंडल,
आधुर बांसुरी की मधुर तान हो रही,
कृष्ण तेरे नाम पर कुर्बान हो रही..........
फूलो की माला है गले में तिलक भाल है,
मुख चंद मन हास से रेदान हो रही,
कृष्ण तेरे नाम पे कुर्बान हो रही............
नाही खान पान की सुधि ना लोक लाज है,
तेरे दीदार के लिए हेरान हो रही,
कृष्ण तेरे नाम पे कुर्बान हो रही......
ना भुलये मुझे प्रभु दीनन के नाथ तुम,
ब्रह्मा नन्द तेरे दर की दरवान हो रही,
कृष्ण तेरे नाम पे कुर्बान हो रही...........