नवरात्रों में मां धरती पर आती है
ढोल नगाड़ों की सदा कह रही है
नवरात्रों की सुहानी घड़ी आ रही है
चांद सी बिंदिया मां के माथे सजी है
हाथों पर मैया के मेहंदी लगी है
नवरात्रों में मां धरती पर आती है
मैया अपने भक्तों के घर जाती है
जो कीर्तन करता है मां रानी का
उसके सारे कलैह कष्ट मिटाती है
दरबार सजायें जोत जगाएं तेरी अंबे मां
सच्चे मन से भक्त तुमको बुलाए मां
भैया भक्तों पर कृपा बरसती है
मैया अपने भक्तों के घर आती है
सिंह सवारी पर विराजे तेज है न्यारा
शेरों वाली अंबे रानी जग की तू धारा
भटके भक्तों को रास्ता दिखलाती है
मैया अपने भक्तों के घर आती है
लाल चोेले में सजी मेरी प्यारी-प्यारी मैया
तुम भी कौन किनारे लगाए इंदु की नैया
मैया सबकी नैया पार लगाती है
मैया अपने भक्तों के घरआई