मेरी लगी शिव संग प्रीत

मेरी लगी शिव संग प्रीत, ये दुनिया क्या जाने।
क्या जाने कोई, क्या जाने, क्या जाने कोई, क्या जाने।
मुझे मिल गए कैलाश के नाथ, ये दुनिया क्या जाने।
हो मेरी लगी शिव संग प्रीत, ये दुनिया क्या जाने।

चढ़ने लगी मन शिव की जब से,
भाई बावरी मैं तो तब से।
बाँधे प्रेम के डोर महादेव से,
नाता तोड़ा मैंने जग से।
ये कैसी अमर प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने।
मेरी लगी शिव संग प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने।

भोलेनाथ का सुंदर रूपवा,
मन में बस गया शिव शंकर नाथवा।
लोग कहें मैं भाई बावरिया,
जब से ओढ़ी शिव की चदरिया।
मैंने छोड़ी जग की रीत,
ये दुनिया क्या जाने।
मेरी लगी शिव संग प्रीत,
ये दुनिया क्या जाने।

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय।
हर हर महादेव, हर हर महादेव।

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