श्रीराम जन्मोत्सव : अवध में बाजे बधैया ।
जनम लियो रघुरैया,
अवध में बाजे बधैया ॥
रूप चतुर्भुज प्रभु दिखलाये ।
मातु विनय सुन शिशु बनि आये ॥
कौशल्या के लाल रमैया,
अवध में बाजे...
एक सुत कैकेयी ने जाये ।
माता सुमित्रा ने दो सुत जाये ॥
प्रकटे हैं चारो भइया,
अवध में बाजे...
रत्न-आभूषण राजा लुटाते ।
गो-धन-अन्नदान करवाते ॥
वस्तु भी देते मिठइया,
अवध में बाजे...
ऋषि-मुनि-देव-देवियाँ आये ।
गौरा-शिव-भुशुंडि जी आये ॥
कान्त भी गाये बधैया,
अवध में बाजे...
दासानुदास श्रीकान्त दास जी महाराज ।
स्वर : आलोक जी ।