मेरे मन में राम समा जाओ
मेरे, मन में, राम समा जाओ,
हरि, आ जाओ, हरि आ जाओ ॥
हरि, आ जाओ, हरि आ जाओ ॥
मेरे, मन में, राम समा...
कलयुग ने, मुझको, घेरा है ।
और, चारों ओर, अंधेरा है ॥
हो प्रभु, आ के, दीप, जला जाओ,
हरि, आ जाओ, हरि आ जाओ ।
मेरे, मन में, राम समा...
मेरी, बीच, भंवर में, नईया है ।
और, उसका, तूँ ही, की खवईया है,
हो प्रभु, आ के, पार, लगा जाओ,
हरि, आ जाओ, हरि आ जाओ ।
मेरे, मन में, राम समा...
तुम, तीन, लोक के, स्वामी हो ।
सारे, जग के, अन्तर्यामी हो ॥
हो प्रभु, आ के, दरस दिखा जाओ,
हरि, आ जाओ, हरि आ जाओ ।
मेरे, मन में, राम समा...
मैंने, जब से, तुम्हारा नाम लिया ।
मुझे, जग ने, फिर बदनाम किया ॥
हो बदनामी से, हमको, बचा जाओ,
हरि, आ जाओ, हरि आ जाओ ।
मेरे, मन में, राम समा...
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल